shiv chalisa lyricsl for Dummies
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
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पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं Shiv chaisa ।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
ब्रह्म – कुल – Shiv chaisa वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
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